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लेखनी प्रतियोगिता -02-Mar-2023 "वक़्त"

         वक़्त

कभी गिराता है जमीं पर कभी आसमां दिखाता है l
वक़्त ही का तो खेल सारा वो राजा से रंग बनाता है ll

वक़्त नहीं लगता है उसको कब किसको अपनी गिरफ़्त में लेता है l
चौका देता है सबको जिसके भी पीछे पड़ता है ll

उसको है सब एक बराबर जब चाहे उस का इंतिहान लेता है l
पहिया घुमाता अपनी धुरी पर सबको चक्कर में डाल जाता है ll

फ़सा फेर में उसके जो फ़िर वह उसके जैसे चाहें नचाता है.l
कठपुतली के जैसे वो मन चाहे उसे घुमाता है ll 

मधु गुप्ता "अपराजिता"






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9 Comments

आप सभी का तह दिल से धन्यवाद🙏🙏

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Gunjan Kamal

04-Mar-2023 06:39 PM

सुंदर प्रस्तुति

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बहुत खूब

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